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पेरू में तूफान अलनीनो के बाद शुरू हुआ बहाली का कार्य

  • Hoạt động cứu hộ tai nạn
  • Quốc gia | पेरू
  • Ngày | 23/4/2017
ⓒ 2017 WATV
리마 우아치파 지역 수해복구 자원봉사


अलनीनो के प्रभाव के कारण मौसम में असामान्य बदलाव हो रहा है। और इसी वजह से पेरू में 20 वर्षों में सबसे भीषण बाढ़ आई है। पेरू में पिछले वर्ष के अन्त से लगातार मूसलाधार बारिश होती थी, और मार्च की शुरुआत में 2 सप्ताहों तक लगातार बारिश हुई थी। इससे पेरू में हर जगह पानी–पानी हो गया।

भूस्खलन के कारण मिट्टी का ढेर बारिश के पानी के साथ बह गया, जिससे नदियों में उफान आ गया और पूरा शहर पानी से तरबतर हो गया। बाढ़ के कारण 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, 6 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए, 1 लाख 20 हजार घर डूब गए, और बहुत लोग घायल हुए। 800 शहरों में, जो पेरू का आधा हिस्सा है, आपातकाल की घोषणा की गई।

अप्रैल में बारिश रुक गई, लेकिन बाढ़ पीड़ितों की पीड़ा जारी रही। खासकर, पेरू के उत्तर में रहनेवाले लोग अब भी अस्थायी तंबुओं में रह रहे हैं।

माता के प्रेमभरे मन के साथ उनकी मदद करने के लिए पेरू के चर्च ऑफ गॉड के सदस्यों ने बहाली के कार्य के लिए योगदान दिया। राजधानी लीमा से फिउरा पहुंचने में गाड़ी से 19 घंटे, थरूहियो पहुंचने में 9 घंटे और उआरमेइ व छिछा पहुंचने में 6 घंटे लगते हैं।

लीमा चर्च के सदस्य सब्त के दिन की शाम की आराधना के बाद लीमा और फोसेत चर्च में इकट्ठे हुए और तुरन्त बहाली के कार्य के लिए रवाना हो गए। उन्होंने आसपास के चर्चों के सदस्यों के साथ 23 अप्रैल को एक दिन के लिए उआरमेइ व छिछा में, और 23 से 27 अप्रैल तक चार रात व पांच दिनों के लिए फिउरा और थरूहियो में बहाली का कार्य किया। और 26 तारीख को उन्होंने लुरिगानछो छोसिखा इलाके के उआछिफा और खाराफोंगो में बहाली का कार्य किया। उन्होंने पीड़ितों की मदद करने के लिए ऑफिस से छुट्टी ली और स्वयं यात्रा का खर्च उठाया। 5 दिनों तक लगभग 2,000 सदस्य इस कार्य में जुट गए।

ⓒ 2017 WATV

बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का वातावरण शोकमय था। सड़कों पर गिरे हुए पेड़ों और बिजली के खंभे टूटी इमारतों के मलबों के साथ उलझ गए थे। घरों की दीवारें गिर गई थीं और छतें ढह गई थीं। उस दिन लोग कितने डर गए थे, इसका अंदाज उस पानी के निशान से किया जा सकता था जो एक व्यक्ति की ऊंचाई तक छोड़ा गया था। मिट्टी और रेत जो घरों में घुस गई थी, एक महीने से ज्यादा समय तक पड़ी रहने के कारण इतनी सख्त और कठोर बन गई कि उन्होंने उन्हें खरोंचकर या एक जोर का झटका देकर निकाल दिया।

जैसे ही सदस्य बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों पर पहुंचे, उन्होंने बिना कुछ पल आराम किए तुरन्त बहाली का कार्य शुरू कर दिया। उन्होंने किंडरगार्टन, प्राथमिक स्कूल और अस्पताल की बहाली का कार्य किया जो बाढ़ के कारण बंद हो गए थे, और सड़कों से मिट्टी और रेत को हटा दिया। उन्होंने पहले आवासीय इलाकों में उन परिवारों की मदद की जिनकी मुखिया महिला है या जिनमें बुजुर्ग अकेले रहता है, क्योंकि वे बहाली का कार्य करने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे, और उन्होंने दूषित पानी से पीड़ित निवासियों के लिए पानी, चावल, कपड़े और अन्य जरूरी वस्तुओं को दिया।

सदस्यों की समर्पित सेवा ने निवासियों की मानसिक चोट के घाव को भर दिया और उन्हें आशा दी, सरकार व निवासियों के बीच संघर्ष को सुलझाया और निवासियों के बीच एकता को बढ़ावा दिया। शुरू में निवासी हाथ पर हाथ धरे सिर्फ देख रहे थे, लेकिन वे धीरे–धीरे बहाली के काम में भाग लेने लगे। राहत कार्यों के आखिरी दिन यानी 27 तारीख को निवासियों और सरकार के अनुरोध पर सदस्य पीयूरा के सांता रोजा गांव में स्थित एक प्राथमिक स्कूल गए। वहां गंभीर नुकसान हुआ था, लेकिन निवासियों के सक्रिय भागीदारी करने के कारण दो घंटों में इसे पूरी तरह से बहाल किया गया।

बाढ़ पीड़ितों ने पूरी मेहनत के साथ बहाली का कार्य करने वाले सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया और एलोहीम परमेश्वर के प्रति भी, जिन्होंने उन्हें भेजा था। उआरमेइ में मेयर ने बहाली स्थल का दौरा किया, और पिउरा में महिला कल्याण विभाग की मंत्री और मेयर ने बहाली स्थल का दौरा करके उनका धन्यवाद किया। स्थानीय सरकारों को, जो पहले गहरी निराशा में डूबी हुई थीं, चर्च के स्वयंसेवकों को मेहनत से बहाली का कार्य करते हुए देखकर हिम्मत मिली, और उन्होंने उसमें उनके साथ सक्रिय रूप से भाग लिया और उन्हें खाना या वाहन प्रदान किए।

स्वयंसेवा का कार्य समाप्त करने के बाद, 28 तारीख को उन्होंने फोसेत चर्च में बाढ़ पीड़ितों की सहायता करने के लिए रक्तदान ड्राइव आयोजित किया। उस दिन 1,100 सदस्यों में से 550 सदस्यों ने रक्तदान किया। 30 तारीख को लीमा में करीब 2,000 सदस्यों ने लोगों को अलनीनो की आशंका के प्रति जागरूक बनाने के लिए अगुआ दुलसे समुद्रतट को साफ किया। 7 मई को फोसेत चर्च में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए चैरिटी आर्केस्ट्रा कॉन्सर्ट आयोजित किया गया। यह आशा की जा रही है कि सदस्य बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में राहत सामग्री का दान करने आदि जैसे काम और स्वयंसेवा आगे भी जारी रखेंगे।

ⓒ 2017 WATV