한국어 English 日本語 中文简体 Deutsch Español हिन्दी Português Русский Đăng nhậpĐăng ký

Đăng nhập

Xin hoan nghênh!

Cảm ơn quý vị và các bạn đến với trang Web của
Hội Thánh của Đức Chúa Trời Hiệp Hội Truyền Giáo Tin Lành Thế Giới.

Bạn có thể đăng nhập để sử dụng menu dành riêng cho hội viên.
Đăng nhập
Tên truy nhập
Mật khẩu

Bạn đã quên mật khẩu chăng? / Đăng ký

Hàn Quốc

कोरिया के इनचान, बुछन, सिहंग, यांगसान और ग्यंसान शहर में चर्च ऑफ गॉड के

  • Quốc gia | कोरिया
  • Ngày | 31/1/2015

“तेरे पुत्र जो तुझ से ले लिए गए वे फिर तेरे कान में कहने पाएंगे, ‘यह स्थान हमारे लिये छोटा है, हमें और स्थान दे कि उसमें रहें।’... वे तेरे पुत्रों को अपनी गोद में लिए आएंगे, और तेरी पुत्रियों को अपने कन्धे पर चढ़ाकर तेरे पास पहुंचाएंगे।”(यश 49:20–22)

ⓒ 2015 WATV
1990 के दशक के शुरूआती वर्षों में चर्च ऑफ गॉड कोरिया की लगभग 30 जगहों में स्थापित किए गए थे, लेकिन अब वे दुनिया भर के 175 देशों के 2,500 चर्चों में स्थापित किए गए हैं। जैसे कि लिखा है, “छोटे से छोटा एक हजार हो जाएगा और सब से दुर्बल एक सामर्थी जाति बन जाएगा,” जैसे–जैसे समय बीतता जाता है, सुसमाचार का कार्य तेज गति से पूरा हो रहा है। खासकर वर्ष 2014 में चर्च ऑफ गॉड की स्थापना की पचासवीं सालगिरह के शुभ अवसर पर परमेश्वर की आशीष के अन्दर मौजूदा चर्चों का विस्तार किया गया है और नए मंदिरों का निर्माण किया गया।

जैसे ही वर्ष 2015 शुरू हुआ, नए मन्दिरों के उद्घाटन के लिए आराधनाओं का लगातार आयोजन किया गया। जनवरी के अन्त से लेकर फरवरी के अन्त तक, यानी एक महीने में 10 नए मंदिर परमेश्वर को समर्पित किए गए हैं, और अब भी 30 और नए मन्दिर उद्घाटन के लिए तैयार हैं।

उदासीन दुनिया में आशा पहुंचाना

ⓒ 2015 WATV
31 जनवरी को इनचान के नोन्ह्यन चर्च एवं यनसु चर्च से शुरू करके, इनचान के सिमगोक चर्च(7 फरवरी) और इनचान के मानसु चर्च व नामगु चर्च(10 फरवरी) के नए मन्दिरों के उद्घाटन के लिए आराधना निरंतर आयोजित की गई। इनचान में सदस्य नए वर्ष की शुरुआत से परमेश्वर के द्वारा उंडेली गई आशीषों से द्रवित हो गए। इनचान के आसपास के बुछन शहर में सोंगने चर्च(7 फरवरी) एवं सांगदोंग चर्च(14 फरवरी) और सिहंग शहर में जंगवांग चर्च(14 फरवरी) ने परमेश्वर को अपने नए मंदिरों को समर्पित करने की खुशी पाई। इस उद्घाटन समारोह में विदेशों से थोड़े समय के लिए आए सदस्य और पुरोहित कर्मचारी भी शामिल हुए और सुसमाचार के कार्य की वर्तमान स्थिति को देख सके। चंद्र कैलेंडर के अनुसार मनाए गए नववर्ष दिवस के बाद 22 और 24 फरवरी को ग्यंगनाम के यांगसान चर्च और ग्यंबुक के ग्यंसान चर्च ने नए मन्दिरों के उद्घाटन के लिए आराधना की।

माता ने उन सदस्यों की सराहना की और उन्हें आशीष दी जो नए मंदिरों के लिए अपनी इच्छा से भेंट लाए थे और ईमानदारी से प्रार्थना की थी, और जिन्होंने नए मंदिरों का निर्माण कार्य समाप्त होने तक हर संभव प्रयास किया था।

इनचान, बुछन, सिहंग, यांगसान और ग्यंसान शहर में छोटे–बड़े औद्योगिक परिसर हैं। मगर लंबे समय से जारी वैश्विक आर्थिक संकट के लिए इन परिसरों में कंपनियां संघर्ष कर रही हैं और कर्मचारी व मजदूर चिंता में डूब रहे हैं।

माता ने सदस्यों को यह कहते हुए साहस बढ़ाया कि, “आपके लिए यह मुश्किल समय है, लेकिन जहां कोई दुख और दर्द नहीं है, उस अनन्त महिमा से भरे हुए स्वर्ग की आशा करते हुए उद्धार की खुशी के साथ आइए हम हौसला रखें।” माता ने सदस्यों को स्मरण कराया कि जो चिंतित, निराश व उदास लोगों के लिए जो सबसे ज्यादा जरूरी है, वह स्वर्ग के राज्य की आशा है। माता ने सदस्यों से निवेदन किया कि वे अपने पड़ोसियों पर दया करें और उन्हें जीवन के वचनों का प्रचार करें।

सदस्य जो इस नए मन्दिर के उद्घाटन की आराधना में शामिल हुए, माता के वचनों से पूरी तरह से सहमत नहीं थे। सदस्यों ने कहा कि, “बहुत से लोग आर्थिक संकट से पीड़ित हो रहे हैं और उन्हें हमारे प्रोत्साहन की आवश्यकता है। हम उनके हृदयों में माता का प्रेम और स्वर्ग की आशा बोएंगे।” सदस्य पहले से ही अपने समाज में नमक और ज्योति बनने के लिए पड़ोसी प्रेम को अमल में ला रहे हैं। उदाहरण के लिए, वे सांत्वनादायक पार्टियों का आयोजन, मुश्किल परिस्थिति में पड़े पड़ोसियों की मदद, कल्याण सुविधाओं का दौरा करने इत्यादि के विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन करके लगातार लोगों को मददगार हाथ दे रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने “हमारी माता” लेखन और तस्वीर प्रदर्शनी का आयोजन करके बेरहम दुनिया से थके हुए पड़ोसियों को आराम दिया और प्रेरित किया।

सत्य का प्रचार करने वाले सदस्यों की भूमिका और मानसिकता

चर्च ऑफ गॉड नई वाचा का फसह सहित तीन बार में सात पर्व मनाता है और सातवें दिन में सब्त का दिन(शनिवार) मनाता है। ये परमेश्वर के नियम हैं जो बाइबल में लिखे गए हैं और विश्वासियों को अवश्य मनाना चाहिए। लेकिन ज्यादातर ईसाई लोग नई वाचा को अस्वीकार करते हैं। यह इसलिए है क्योंकि यीशु के द्वारा स्थापित की गई नई वाचा दूसरी शताब्दी के मध्य से प्रारम्भ होकर बदलने लगी और लोगों ने अपने को रविवार की आराधना और क्रिसमस जैसे उन मनुष्यों के नियमों के अनुकूल बना लिया है जो बाइबल पर आधारित नहीं हैं। क्रूस भी ऐसा ही है; क्रूस पहले एक मृत्युदंड का यंत्र था और गैर–ईसाइयों के धर्मों के द्वारा उसकी प्रतिमा का उपयोग किया गया, फिर भी आज यह चर्च के चिन्ह के रूप में माना जाता है।

आराधना के दौरान प्रधान पादरी किम जू चिअल ने बताया कि परमेश्वर के द्वारा स्थापित की गई जीवन की व्यवस्था कैसे मृत्यु की व्यवस्था में बदल गई, और गवाही दी कि मसीह उस मानव जाति के लिए जो उद्धार का मार्ग नहीं जानती, दूसरी बार आए और उन्होंने नई वाचा को पुन:स्थापित किया। उन्होंने यह कहते हुए कि, “नई वाचा मनाने वाले सदस्यों का अनन्त जीवन माता परमेश्वर के द्वारा दिया जाता है जो पवित्र आत्मा के युग में परमेश्वर की दुल्हिन के रूप में प्रकट होती हैं,” सदस्यों को समझाया कि माता परमेश्वर पर विश्वास करना ही उद्धार का सबसे प्रमुख ज्ञान है।

पादरी किम जू चिअल ने उस सही मानसिकता पर जोर दिया जिसे सदस्यों को मसीह की देह के अंगों के रूप में अपनाना चाहिए। “तुम जाओ, सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ... और उन्हें सब बातें जो मैं(यीशु) ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ।”(मत 28:19–20) का हवाला देते हुए उन्होंने मसीहियों के सबसे प्रमुख मिशन का जिक्र किया और सदस्यों से निवेदन किया कि इस समय जब लोग पूरे संसार से सत्य ढूंढ़ने के लिए चर्च ऑफ गॉड आते हैं, वे नम्र रवैए से अपनी भूमिका वफादारी से निभाएं। उन्होंने बताया कि जब हमारा मन नम्रता पर आधारित हो, तब जो झुण्ड हमें सौंपा गया है, उसकी देखभाल हम सेवाभाव से कर सकते हैं और अगुवों के सेवा–कार्य के सब कर्तव्य पूरे कर सकते हैं और परीक्षाओं पर विजयी हो सकते हैं। फिर उन्होंने जोर देकर यह कहा कि, “जब हम अपने को छोटा बनाएं और समय या असमय प्रचार करें, तब हम इस भविष्यवाणी को पूरा होते देख सकेंगे कि छोटे से छोटा एक हजार हो जाएगा और सब से दुर्बल एक सामर्थी जाति बन जाएगा। यद्यपि शारीरिक और आत्मिक रूप से हम कठिन परिस्थिति में रहते हैं, हमें स्वर्ग की आशा के साथ कठिनाइयों से ऊपर उठना चाहिए और अपने खोए हुए बच्चों को ढूंढ़ने को बेसब्र माता के मन के साथ सुसमाचार का प्रचार करते हुए आइए हम इस सुन्दर मन्दिर को अपने स्वर्गीय परिवार वालों से भर दें।”

जब उद्घाटन समारोह समाप्त हुआ, सदस्यों के चेहरे बहुत प्रफुल्लित एवं प्रसन्न दिखाई दिए। उन्होंने यह कहते हुए अपना दृढ संकल्प जाहिर किया कि, “परमेश्वर ने इस कारण से हमें इतना बड़ा मन्दिर दिया है कि यहां बहुत सी आत्माएं हैं जो हमें ढूंढ़नी चाहिए। हम मेहनत से लोगों के हारे–थके मनों में उनकी आत्माओं का विश्रामस्थान बताने के प्रयास में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे।”

जिस प्रकार नई वाचा का सुसमाचार जो मरकुस की अटारी में मसीह से शुरू हुआ था, वह प्रेरितों के द्वारा रोम तक फैलाया गया था, उसी प्रकार नई वाचा का सुसमाचार जो इस युग में पुन:स्थापित किया गया है, वह पूरे संसार में फैलाया जा रहा है। यह कुछ खास देशों तक सीमित नहीं है। नेपाल, भारत और मंगोलिया जैसे देशों में भी जहां ईसाइयों की आबादी बहुत कम है, बहुत से लोगों का चर्च ऑफ गॉड में आना जारी रहता है। सदस्य एक स्वर में कहते हैं कि यह इसलिए संभव होता है क्योंकि वे केवल बाइबल के अनुसार करते हैं और केवल बाइबल के वचनों का प्रचार करते हैं। भाई पेट्र(Petr Vondrous, चेक तकनीकी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर) जो अवकाश के समय में अपने परिवार के साथ कोरिया आया, वह सुसमाचार के कार्य के विकास को देखकर चकित हुआ और उसने कहा कि तेज विकास की कुंजी बाइबल में है।

“चेक देश में ऐसे बहुत से चर्च हैं जिनका लंबा इतिहास है। ऐसा चर्च भी है जो 11वीं शताब्दी में स्थापित किया गया था। लेकिन धार्मिक संघर्षों ने यूरोपीय समाज में गहरी जड़ जमा ली है, और लोगों को बाइबल के द्वारा अपने प्रश्नों को हल करने में कोई रुचि नहीं है; वे उन्हें सिर्फ व्यक्तिगत समस्या मानकर उनकी अवहेलना करते हैं। इसके विपरीत, चर्च ऑफ गॉड के भाई–बहनें बाइबल जानते हैं। उन्हें गर्व है कि वे बाइबल का पालन करते हैं। चूंकि वे साहसपूर्वक सत्य का प्रचार करते हैं, इसलिए वे लोगों का ध्यान आकर्षित करते हैं और उनकी सहानुभूति बटोरते हैं।”

अब सदस्यों को और अधिक बड़े आत्मिक खलिहान मिले हैं, और वे माता की शिक्षाओं के तहत नम्रता से एक दूसरे से मेल–मिलाप करते हुए मेहनत से सुसमाचार का कार्य कर रहे हैं। हम वर्ष 2015 के सुसमाचार के बड़े विकास की प्रत्याशा करते हैं।

ⓒ 2015 WATV
Video giới thiệu Hội Thánh
CLOSE
Mạng Internet
Hơn 200 người tình nguyện tham gia hiến máu nhân đạo
Mạng Internet
Hơn 200 người tình nguyện tham gia hiến máu nhân đạo
Mạng Internet
Hơn 200 người tình nguyện tham gia hiến máu nhân đạo